पूर्वांचल में लगातार हो रही आफत की बारिश से दलछपरा श्रीनगर जाने वाला क्षतिग्रस्त संपर्क मार्ग सहित रेवती भाखर मार्ग, चौबेछपरा छेड़ी, गायघाट अतरडरिया आदि संपर्क मार्गों पर घुटनों से अधिक पानी लगने से लोगों की मुश्किलें बढती जा रही है। करईल, चौरासी के दर्जनों ग्राम सभाओं के हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि पहले ही प्रसूत (बरसाती) पानी से जलमग्न हो चुकी है। अब संपर्क मार्गों के बाद गांव की बस्तियां भी पानी से घिर चुकी हैं। लोगों के घरों में बरसात का पानी प्रवेश करने से बाढ़ से भी बदतर स्थिति का सामना करने के लिए ग्रामीण विवश है।

दलछपरा श्रीनगर जाने वाला क्षतिग्रस्त संपर्क मार्ग पहले से क्षतिग्रस्त है। सड़क के दोनों तरफ 10 – 10 फीट की खाई है, ऊपर से सड़क पर एक से डेढ़ फीट पानी लगने से बड़े हादसा की संभावना बनी हुई है। इस मार्ग से दलछपरा, श्रीनगर, नारायणगढ, करमानपुर, सुरेमनपुर, मधुबनी, रानीगंज आदि आधा दर्जन से अधिक गांवों में लोगों का आवागमन लगा रहता है। कमवेश भाखर रेवती, गायघाट अतरडरिया, चौबेछपरा छेड़ी मार्गों पर भी अनेकों गांव के लोगों का आना जाना रहता है।
झरकटहां ग्रामवासी रामजी सिंह ने बताया कि खेतों के जलमग्न होने से कृषि धान की रोपाई भी नही हो पायी। अब संपर्क मार्गों पर जल जमाव से रेवती हाट, बाजार आने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चौबेछपरा के पूर्व प्रधान विरेश कुमार तिवारी ने बताया कि लगातार दो वर्षों से खेती नही हो पा रही है। रेवती निवासी किसान नारायण जी सिंह ने बताया कि भैसहां के मरौटी पासवान बस्ती में पिछले तीन वर्षों से खेतों में पानी भरने से खेती नही हो पा रही है।
देवपुर मठिया रेगुलेटर पर नहरों की भांति पम्प कैनाल लगाकर इधर उत्तर साइड का पानी बंधा के दक्षिण सरयू में गिराने की तत्काल व्यवस्था नही हो पायी तो दियरांचल के लोग तबाह हो जाएंगे। कारण कि सरयू के जलस्तर में घटाव बढ़ाव का क्रम लगे रहने से रेगुलेटर पुल से सरयू का पानी उत्तर साइड में गिरने से पहले से लगा बरसात के पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है। तालाब, कुण्ड, दहताल, खेतों के भरने के बाद अब संपर्क मार्गों पर भी पानी एक डेढ फीट लगने लगा है। इस संबंध में शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित करते हुए देवपुर मठिया रेगुलेटर पुल पर पम्प कैनाल से उत्तर का पानी दक्षिण नदी में गिरवाने की मांग लोगों ने की है।